पढ़ाई के शुरुआती दौर में बच्चे सबसे पहले बोलना और तस्वीरों को देखकर चीजों की पहचान करना सीखते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे वे अपने हाथों से टेढ़ी-मेढ़ी आकृतियां बनाते हैं और बाद में लिखना सीखते हैं। आइए जानते हैं, कैसे हम अपने छोटे बच्चों को लिखने का अभ्यास करा सकते हैं।
छोटे बच्चों के लिए लिखना सबसे मुश्किल होता है। उसकी वजह है उनमें बहुत जल्दी फाइन मोटर स्किल्स का विकास नहीं होता। लगभग 2 साल से बच्चों में फाइन मोटर स्किल्स यानी उंगलियों और आंखों का तालमेल बैठना शुरू होता है। ऐसे में लिखना बच्चों को एक बेहद मुश्किल काम लगता है। लेकिन मुश्किल है तो क्या बच्चे को लिखने का अभ्यास ही न कराएं? ऐसा तो नहीं हो सकता। माता-पिता के लिए यहां कुछ ऐसे ही उपाय बताए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल कर वे अपने बच्चे को आसानी से लिखना सीखा सकते हैं।
छोटे बच्चों को लिखना सीखाने के टिप्स
घर में मौजूद सामान से लिखना सीखाएं
अक्सर माता-पिता या स्कूल छोटे-छोटे बच्चे को पेंसिल और नोटबुक पकड़ा देते हैं, लिखने के अभ्यास के लिए। लेकिन इसमें तो बच्चों की थोड़ी सी भी दिलचस्पी नहीं होती। ऐसे में आप बच्चे को लिखने के लिए घर पर मौजूद सामान से लिखना सीखा सकते हैं। जैसे कि शेविंग फोम, आटा, चीनी, दालें या कोई भी और सामान। इन में से किसी भी चीज को आप समतल सतह पर रखें और बच्चे से पहले खुद उसे अपनी उंगलियों से अक्षर बनाएं। इस तरह से बच्चे पहले उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए अक्षर की बनावट को अच्छे से समझ पाएंगे।
कैपिटल लेटर (Capital letter) सीखाएं
अंग्रेजी में लिखने के लिए आप बच्चे को पहले कैपिटल लेटर या अपर केस में लिखना सीखाएं। दरअसल ये लेटर लिखने में स्मॉल लेटर के मुकाबले आसान होते हैं। लेकिन एक साथ ही बच्चे को पूरे-पूरे शब्द लिखने को नहीं कहा जा सकता। सबसे पहले आप बच्चे को एक-एक अक्षर ही लिखने का अभ्यास कराएं।
उल्टे शब्द लिखना कैसे रोकें
अक्सर बच्चे अंग्रेजी के B और D को उल्टा लिखते हैं। यह बहुत ही आम सस्या है जो समय के साथ अपने-आप दूर भी हो जाती है। अपने बच्चे को रोकने के लिए आप बच्चे की नोटबुक या वर्कशीट में बाईं ओर ऊपर की तरफ एक स्माइल फेस चिपका दें। अब उसे कहें कि उसे यहीं से लिखना शुरू करना है। ऐसे में जब भी बच्चा बी या डी लिखने के लिए सबसे पहले सीधी रेखा खींचेगा तो उसके बाद उसके पास बाईं तरफ कुछ भी लिखने की जगह नहीं होगी।
पेंसिल ग्रिप का करें इस्तेमाल
छोटे बच्चों को पेंसिल पकड़ने में बहुत मुश्किल होती है। यहां तक कि कभी-कभी यह समस्या बच्चों को 4 से 5 साल तक भी पेश आती है, जिसकी वजह से उनकी लेखनी भी गंदी हो जाती है। अगर आपके बच्चे को भी ऐसी कोई परेशानी है तो आप अपने बच्चे के लिए रबड़ के बने पेंसिल ग्रिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं या इन्हें क्ले की सहायता से घर पर भी बना सकते हैं।
संदेश लिखवाएं
बच्चों को हम जो भी खेल-खेल में सीखाते हैं, उसे वे जल्दी सीखते हैं। ऐसे में अगर आप जबरदस्ती अपने बच्चे को लिखने का अभ्यास कराएंगे तो वे कुछ ही मिनटों बाद खुद को बोर महसूस करेंगे। ऐसे में आप अपने बच्चे को अपने रिश्तेदारों या उसके दोस्तों को संदेश लिखने को कह सकते हैं। यह काम बेहद आसान भी नहीं है। हो सकता है आपका बच्चा इसके लिए मना कर दे, तब आप उसे कहें कि अगर वह यह संदेश लिखेगा तो आप उसे पोस्ट भी करेंगे या उसे मोबाइल फोन के जरिये संबंधित व्यक्ति को भेजेंगे।
कैसे करें शुरुआत
जब बच्चा पेंसिल और कॉपी में लिखने को तैयार हो जाए तो यह माता-पिता का फर्ज है कि वह सही क्रम में बच्चे को लिखने का अभ्यास कराएं। बच्चों के लिए शुरुआत में सबसे आसान होता है खड़ी और लेटी रेखा बनाना।
- सबसे पहले तो आप कई बार बच्चे से खड़ी और लेटी रेखा का अभ्यास कराएं: E, F, H, I, L, T
- इसके बाद आप बच्चे को गोल आकार वाले या घुमावदार अक्षरों का अभयास कराएं: B, C, D, G, J, O, P, Q, S, U
- सबसे आखिर में तिरछी रेखाओं या फिर जटिल बनावट वाले अक्षरों का अभ्यास कराएं: A, K, M, N, R, V, W, X, Y, Z
रंगों के जरिये सीखाएं लिखना
कई बच्चे बिल्कुल भी पेंसिल पकड़ना नहीं चाहते। ऐसे बच्चों को आप क्रेयाॅन या दूसरे रंगों के माध्यम से लिखना सीखा सकते हैं। इसके लिए आप सबसे पहले बड़ा-बड़ा डॉटेड लाइन से कोई भी अक्षर लिखें और फिर बच्चे को रंग के माध्यम से उसे डॉटेड लाइन को पूरा करने को कहें। एक बार जब बच्चा अक्षर की बनावट सीख जाएगा तो वह जल्द ही पेंसिल से भी लिखना शुरू कर देगा।
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