छोटे बच्चों को स्लाइम से खेलने में बहुत मजा आता है। उसकी वजह यह है कि यह छूने में बहुत ही मुलायम होती है और इसका कोई निश्चित आकार नहीं होता, जिसकी वजह से इसमें रचनात्मकता का स्तर बहुत अधिक बना रहता है। स्लाइम एक वैज्ञानिक प्रयोग का परिणाम होता है, इसी वजह से कई माता-पिता बच्चों के इसके इस्तेमाल को लेकर काफी गंभीर होते हैं। क्या वाकई स्लाइम बच्चों के लिए कोई खतरा है या इसके कोई फायदे भी हैं, आइए जानते हैं।
मेरी बेटी 5 या 6 साल की थी, जब वह स्लाइम को बहुत ज्यादा पसंद करती थी, लेकिन उसके इस्तेमाल को लेकर मैं बिल्कुल भी निश्चिंत नहीं थी, कि यह मेरी बेटी के लिए सही है या नहीं। लेकिन जब इसे एक बार हमने घर पर ही बनाया, तब यह तय हो गया कि इससे बच्चों को हानि पहुंचने के आशंका काफी कम है। जबकि इससे बच्चे सीख काफी कुछ सकते हैं। (Slime benefits for kids in hindi)
स्लाइम के फायदे
1. यह विज्ञान का छोटा सा प्रयोग है
छोटे बच्चों के लिए विज्ञान की प्रयोगशाला में जाना आसान नहीं होता, ऐसे में घर पर ही आप स्लाइम बनाने का छोटा सा वैज्ञानिक प्रयोग अपने बच्चे के साथ कर सकते हैं। यहां पर बच्चे सीख सकते हैं कि जब दो अलग-अलग चीजों या तत्वों को मिलाया जाता है तो उसे अणुओं में कैसे बदलाव होता है और उससे बनने वाली चीज किस तरह से रूप लेती है। कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ, जब पिछले साल मेरी बेटी ने घर पर ही मौजूदा सामान से स्लाइम बनाई तो उसे भी कहीं न कहीं विज्ञान और खास कर रसायन विज्ञान से लगाव हो गया।
2. हर बार नई कोशिश और नया परिणाम
दरअसल स्लाइम बनाना अपने आप में एक प्रक्रिया है। जिसमें हमें स्लाइम बनाने की आधारभूत प्रक्रिया को दोहराते हुए उसमें छोटे-छोटे बदलाव करने पर हर बार एक अलग प्रकार की स्लाइम मिलती है। आमतौर पर इसे बनाने के लिए सिर्फ दो ही चीजें इस्तेमाल होती है एक है एक्टिवेटर और दूसरी ग्लू। कभी हम एक्टिवेटर को ज्यादा कर सकते हैं तो कभी ग्लू को। इसके अलावा इसे मिलाने की भी अपनी गति है, अगर धीमी गति से मिलाएंगे तो स्लाइम अलग प्रकार की बनेगी जबकि तेजी से मिश्रण बनाने पर स्लाइम अलग होगी।
पिछली बार स्लाइम बनाने के वक्त क्या गलती या क्या कम-ज्यादा किया था, इसकी जानकारी से हम अगली बार स्लाइम को अलग ही तरीके से बनाते हैं। कहीं न कहीं स्लाइम बनाने की प्रक्रिया बच्चों को अपनी समस्याओं के समाधान ढूंढ़ना भी सीखाती है।
3. गणित और अनुपात का है खेल
स्लाइम बनाने की प्रक्रिया के दौरान बच्चे इसमें इस्तेमाल होने वाली ग्लू और एक्टिवेटर के बीच के अनुपात को सीखने का पूरा प्रयास करते हैं। अगर हम अनुपात की बात करें तो यह दो अलग-अलग अंकों की एक-दूसरे से तुलना है। जैसे कि ज्यादातर स्लाइम बनाने के लिए आपको 2 भाग ग्लू और 1 भाग एक्टिवेटर का इस्तेमाल किया जाता है। स्लाइम बनाने में यह अनुपात बहुत जरूरी है क्योंकि इससे आप स्लाइम की रेसिपी को कम ज्यादा कर सकते हैं।
4. बड़े बच्चों के लिए स्लाइम एक संवेदनशाील और चुनौतीपूर्ण खेल है
यह तो हम सभी मानते होंगे कि 6-7 साल तक आते-आते बच्चों के खेल में संवेदनशील खेल या सेंसरी प्ले लगभग खत्म ही हो जाते हैं। इस प्रकार के खेलों को हम एक से तीन साल तक के बच्चों के लिए ही रख देते हैं, जबकि बड़े बच्चे अक्सर शैक्षिक या क्राफ्ट में ही उलझे हुए रह जाते हैं। आपको शायद यकीन न हो, लेकिन स्लाइम और एक्टिव सैंड जैसे सेंसरी प्ले से भी बड़े बच्चों को बहुत फायदा होता है। इनसे बच्चों को अपने भावों को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। जैसे कि तनावमुक्त होने में मदद मिलती है और अगर कोई डिप्रेशन या अवसाद से ग्रसित है तो उस स्थिति में भी मदद मिलती है।
मोटर डेवलपमेंट या बच्चों के अंगों के बीच तालमेल बिठाने के लिए भी यह बहुत जरूरी है। 5 से 8 साल तक के बच्चे चम्मच का इस्तेमाल तो करना सीख जाते हैं, लेकिन चाकू का इस्तेमाल किस प्रकार से किया जाता है, वे इसे करने में वक्त लगाते हैं, ऐसे में सेंसरी प्ले बच्चों में फाइन मोटर स्किल्स को भी बढ़ावा देते हैं।
5. आत्म-विश्वास बढ़ता है
स्लाइम को बिल्कुल सही बनाने से बच्चों में आत्म-विश्वास बढ़ता है कि उन्होंने एक मुश्किल को और हल कर लिया। अगर आप भी अपने बच्चे में इन खूबियों को बढ़ाना चाहते हैं तो आप उन्हें स्लाइम बनाने और फिर उनसे अपने बच्चे को खेलने दें। स्लाइम या एक्टिव सेंड भी कुछ इस प्रकार के खेल हैं, जिन्हें बिना कुछ तोड़े-फोड़े घंटों खेला जा सकता है, जिस वजह से बच्चों को इनकी आदत भी काफी जल्दी ही लग जाती है। आज की वर्चुअल दुनिया, जिसमें वीडियो गेम और सोशल मीडिया हर तरफ फैला हुआ है, वहां स्लाइम जैसे खेल बच्चों को और अधिक रचनात्मक, वास्तविक गतिविधियों से जोड़े रखने का भी अच्छा विकल्प है।
स्लाइम के नुकसान
अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को लेकर इस बात के लिए काफी सजग होते हैं कि स्लाइम जैसी चीजों से खेलने का उनके बच्चों की सेहत पर तो कोई खास नुकसान नहीं होता।
- ज्यादातर माता-पिता जानना चाहते हैं कि स्लाइम किस सामग्री से बनता है। स्लाइम में मुख्यतौर पर दो चीजें इस्तेमाल होती है, एक ग्लू और दूसरा एक्टिवेटर। ज्यादातर एक्टिवेटर बोरेक्स जो कि एक प्राकृतिक खनिज है, उसके यौगिकों जैसे कि सोडियम टेट्राबोरेट और बोरिक एसिड से बने होते हैं। बोरेक्स का ज्यादातर इस्तेमाल साबुन या डिस्इंफेक्टेंट बनाने में इस्तेमाल होता है।
- कई मामलों में पाया गया है कि एक्टिवेटर की वजह से बच्चों के हाथ रसायन से जलने की भी शिकायत आती है। इसके मुख्यतौर पर दो कारण है, पहला अधिक समय तक एक्टिवेटर के संपर्क में रहना और दूसरा अधिक मात्रा में एक्टिवेटर या बोरेक्स को मिश्रण में मिलाना।
- स्लाइम एक विज्ञान प्रयोग है, इसीलिए इस बात को नहीं झूठलाया जा सकता कि इससे बच्चों को नुकसान पहुंच संकता है। इसीलिए जब भी बच्चे स्लाइम बनाएं आप उनके साथ रहें और निगरानी पूरी रखें।
- शुरुआत में आप स्लाइम बनाने की रेसिपी को ही अपनाएं, बजाए इसके कि आप इसमें मिलाने वाले तत्वों को कम ज्यादा करें।
कई बच्चों की त्वचा अधिक संवेदनशील होती है। अगर आपके बच्चे की त्वचा पर कोई निशान या दाग-धब्बा आपको दिखे तो आप बोरेक्स से बनाए जाने वाली स्लाइम की जगह अपने बच्चे को भोजन पदार्थों से बनाए जाने वाली स्लाइम से खेलने को कहें।