छोटे बच्चों से उल्ट बड़े बच्चों को बेसिक चीजें नहीं, बल्कि उन्हें नए-नए कॉन्सेप्ट्स सीखने में मजा आता है। अब वे किसी भी खेल को अनुभव करने के लिए किसी अन्य पर निर्भर नहीं रहते, खुद से ही नए-नए प्रयोग करना सीख चुके होते हैं। ऐसे में आप भी अपने 12 साल या उससे अधिक आयु के बच्चे को घर पर कुछ दिलचस्प गतिविधियां करा सकते हैं।
12 साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए इंडोर एक्टिविटीज
1. पज्जल
पज्जल एक ऐसा खेल है, जो दो साल के बच्चे से लेकर 60 साल तक की उम्र वालों को भी पसंद आता है। इसीलिए आप अपने बड़े बच्चों को भी पज्जल जैसे गतिविधियों में व्यस्त रख सकते हैं। जरूरी नहीं है कि आप बच्चे को बोर्ड पज्जल ही दें। इसकी जगह आप बच्चे को रूबिक्स क्यूब, सुडोकू, क्रॉसवर्ड आदि भी खेलने के लिए प्रेरित करें। इन्हें बच्चा अकेले भी एन्जॉय कर सकता है और किसी के साथ भी। इसके अलावा पज्जल की एक खास बात यह है कि यह बच्चों में धैर्य को बढ़ाती है।
2. बच्चों को कोडिंग सिखाएं
आमतौर पर माना जाता है कि कोडिंग बड़ों के लिए है, लेकिन आजकल 12-13 साल के बच्चे भी कोडिंग को एक दिलचस्प एक्टिविटी की तरह देख रहे हैं। इसके लिए आप अपने बच्चे को आॅनलाइान क्लासेज दिलवा सकते हैं, जहां कोडिंग स्पेशलिस्ट आपके बच्चे को इसका बेसिक और बारीकियां दोनों सिखा सकते हैं।
3. डोमिनो इफेक्ट से जुड़ी गतिविधियां
इन दिनों यूट्यूब पर आपको ऐसी कितनी ही वीडियोज मिल जाएंगी, जिनमें सिर्फ एक चीज को हिलाते ही उससे जुड़ी सभी चीजें एक-एक कर अपने आप ही गिरना शुरू हो जाती हैं। और ये चीजें गिरती भी ऐसे हैं कि पहली चीज दूसरे को और दूसरी चीज तीसरे को मनचाही स्थिति में हिलने पर मजबूर करती है। इसके लिए बच्चों को घर पर मौजूद चीजों से डोमिनो इफेक्ट या चेन रिएक्शन बनाने को कह सकते हैं।
4. प्ले कार्ड गेम्स
अभी तक ज्यादातर बच्चे प्ले कार्ड गेम्स और उनके नियमों को बेहतर तरीके से समझ चुके होंगे। ऐसे में आप अपने बच्चे के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने के बारे में सोच रहे हों तो आपका पूरा परिवार बैठकर आराम से बच्चों के साथ प्ले कार्ड जैसे कि ऊनो, डब्ल्यू डब्ल्यू ई, ताश आदि का मजा ले सकते हैं। कोशिश करें कि इनसे खेलते हुए आप और आपका बच्चा कोई नया खेल भी खेलना सीखें, खासकर ताश से जहां दिमाग की भी अच्छी खासी कसरत होती हो। सभी के साथ खेलने से बच्चा टीम में खेलना भी सीख सकता है और साथ में बच्चे का सामाजिक कौशल भी बेहतर होता है।
5. ट्रेजर हंट
जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनकी शारीरिक गतिविधियां बहुत ही कम होने लगती है, ऐसे में आप अपने बच्चे को ट्रेजर हंट जैसे खेल खिला सकते हैं। इस खेल को आप थोड़ा और मुश्किल बना सकते हैं। आप बच्चे को सीधे-सीधे कोई भी कड़ी न दें, बजाए इसके आप उनसे मुहावरों या छोटी-छोटी कहानियों के जरिये बता करें और उन्हें इसमें छिपी हुई जगह को ढूंढ़ने को कहें।
6. डीआईवाई किट्स
इस उम्र के बच्चों के लिए डीआईवाई किट्स सबसे बेहतर हैं। क्योंकि इन किट्स में अक्सर चीजों को नापने, उन्हें सावधानी से मिक्स करने या फिर गर्म करने का काम होता है, जो इस उम्र के बच्चे बेहतर तरीके से कर सकते हैं। आप अपने बच्चे के शौक या उनकी पसंद के अनुसार उन्हें अलग-अलग तरह की डीआईवाई किट्स लाकर दें और फिर देखें उनकी रचनात्मकता को बढ़ते हुए।
7. दिमाग लगाने वाले विषय बताएं
जरूरी नहीं है कि हमेशा किसी खेल से ही बच्चों को कुछ सिखाया जाए। कई बार आप बच्चों को किसी विषय के बारे में अपने विचार रखने या शोध करने को भी कह सकते हैं। इसके लिए आप बच्चे को कोई एक विषय दें और उसे कहें कि इस बारे में वह क्या जानता है उससे संबंधित एक पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन बनाए। इस तरह की गतिविधियों के चलते बच्चे किसी भी विषय के लिए अधिक सोचने और उनकी जानकारीलेने की कोशिश भी करते हैं।
8. बेस्ट फ्रॉम वेस्ट
आर्ट एंड क्राफ्ट के माध्यम से आप अपने बच्चे को खराब पड़े सामान या कबाड़ से कुछ क्रिएटिविटी करने को कह सकते हैं। इसमें बच्चों को जो भी सामान की आवश्यकता हो आप उन्हें लेने दें। इन दिनों ऑनलाइन मौजूद वीडियोज को देखकर बच्चे काफी कुछ बिना किसी की मदद के आसानी से बना सकते हैं।
9. नक्शे में ढूंढ़ना
यह मेरी भी काफी पसंदीदा गतिविधि रही है, क्योंकि इसमें आपके पास इतने नाम होते हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे को चुनौती के रूप में ढूंढ़ने को कह सकते हैं। शुरूआत के लिए आप सिर्फ अपने राज्य या फिर अपने देश के ही नक्शे का प्रयोग करें। इसे बच्चों के लिए थोड़ा-सा आसान बनाने के लिए आप उन्हें एक नाम ढूंढ़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा तीन संकेत दे सकते हैं और इस खेल में भी तय समय सीमा का होना बहुत जरूरी है।
10. पत्रिका तैयार करना
अगर आपके बच्चे में कला और लेखन के प्रति लगाव है तो आप भी अपने बच्चे को एक मासिक पत्रिका या मैग्जीन बनाने को कह सकते हैं। इसके लिए आप अपने बच्चे के साथ बैठ कर कुछ विषयों को चुन लें या फिर बच्चे से कहें कि वह खुद ही कुछ विषयों को चुने और उस पर 300-500 शब्दों तक का लेख लिखे। अगर आप चाहें तो बच्चे को यह सभी काम कंप्यूटर पर करने को कह सकते हैं, जिसके बाद आपका बच्चा आसानी से अपने लेखों को एडिट कर सकता है और बाद में आप बच्चे के साथ बैठकर इसे लेखों, पज्जल्स, कार्टून्स आदि को मैग्जीन का रूप दे सकें।
इसके अलावा भी कई गतिविधियां हैं, जैसे कि बागवाानी, कुकिंग, पेंटिंग आदि, जिसमें भी आपके बच्चे की दिलचस्पी हो आप बच्चे को वह करने दें। पर बच्चों के हुनर को तलाशने के लिए आप यहां बताई कुछ गतिविधियों को भी जरूरी ट्राई कर सकते हैं, जिनसे आप बच्चे के भविष्य से जुड़े कुछ निर्णय आसानी से ले सकेंगे।